किसानों व छोटे व्यापारियों के हित में सरकार का फैसला, मिट्टी के प्रयोग के लिए पोर्टल को किया लांच
- By Vinod --
- Wednesday, 17 Jul, 2024
Government's decision in the interest of farmers and small traders
Government's decision in the interest of farmers and small traders- चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने किसानों व छोटे व्यापारियों की मिट्टी निपटान से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए एक अहम निर्णय लेते हुए आज खनन एवं भूविज्ञान विभाग का पोर्टल kisan.minesharyana.gov.in लॉन्च किया है। अब किसान व छोटे व्यापारी अपने घर बैठे ही मिट्टी के प्रयोग से संबंधित परमिट ऑनलाइन प्राप्त कर सकेंगे। इससे किसानों, छोटे व्यापारियों को ही नहीं, बल्कि गांव के रेहड़ा व बुग्गी वाले किसानों को भी बड़ी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री बुधवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे किसान भाई व छोटे व्यापारी लंबे समय से मिट्टी से संबंधित विभागीय अनुमति व अन्य प्रक्रिया के जटिल होने के कारण कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे थे। उनके समाधान के लिए ही पोर्टल लॉन्च किया गया है।
उन्होंने कहा कि किसान व छोटे व्यापारी अगले 2 महीने तक ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ-साथ ऑफलाइन भी संबंधित माइनिंग ऑफिसर के पास जाकर एनओसी प्राप्त कर सकेंगे। इससे पहले इन सब कार्यों के लिए व्यक्तिगत रूप से किसानों व छोटे व्यापारियों को कार्यालय में जाकर सभी कागजात जमा करवाकर अनुमति लेनी पड़ती थी। नायब सिंह सैनी ने कहा कि अब किसान अपने खेत को समतल करने के लिए भी इस पोर्टल के माध्यम से आनलाइन एनओसी प्राप्त कर सकेंगे। किसान मिट्टी भरत के कार्य के लिए भी इस पोर्टल के माध्यम से एनओसी प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। अभी जो 200 रुपये की परमिट फीस देनी पड़ती थी, वो भी अब समाप्त कर दी गई है।
सैनी ने कहा कि साधारण मिट्टी के व्यवसाय से जुड़े छोटे व्यापारी भी अब इस पोर्टल के माध्यम से अनुमति प्राप्त कर सकेंगे। ऐसे व्यापारी 450 घन मीटर तक साधारण मिट्टी के उत्खनन करने की अनुमति इस पोर्टल के माध्यम से घर बैठे प्राप्त कर सकेंगे। इसके लिए ई-रवाना की भी जरूरत नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे व्यापारी जो 450 घन मीटर से अधिक मात्रा की मिट्टी के उत्खनन में शामिल है, वह भी इस पोर्टल के माध्यम से घर बैठे अनुमति प्राप्त कर सकेंगे। उनको ई-रवाना भी देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में ग्राम पंचायतों को भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है। जिस गांव में साधारण मिट्टी का उत्खनन किया जाएगा, उस गांव के सरपंच अथवा ग्राम सचिव से एनओसी लेनी जरूरी होगी। जिस गांव में साधारण मिट्टी का उत्खनन होगा, उस मिट्टी के उत्खनन से प्राप्त रायल्टी का 50 प्रतिशत हिस्सा संबंधित ग्राम पंचायत के खाते में जमा होगा। इससे संबंधित ग्राम पंचायत गांव का कोई भी विकास कार्य करवा सकेंगी।